मंजुल भगत के कथा साहित्य में स्त्री एक अध्ययन
Abstract
चर्चित महिला कथाकारों में मंजुल भगत का नाम बड़े आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। इनका जन्म 22 जून 1936 को मेरठ में हुआ था। इन्होंने दर्जनों कहानियां और उपन्यास लिखे।मंजूलजी ने अपनी कहानियों और उपन्यासों में स्त्री जीवन की विसंगतियों का सशक्त चित्रण किया है।इन्होंने स्त्री की विसंगतिपूर्ण जीवन के प्रत्येक पक्ष पर, चाहे वह पारिवारिक यथार्थ हो अथवा सामाजिक यथार्थ पर अपनी लेखनी चलाई। स्त्री से जुड़ी सामाजिक विषमता,पति-पत्नी संबंध और प्रेम के विविध पक्षों का उद्घाटन मुंजल भगत के कथा साहित्य में मिलता है।मुंजलजी ने अपने कथा साहित्य में ग्रामीण नारी,शहरी नारी, शिक्षित नारी औरअशिक्षित नारी, निम्नवर्ग, मध्यवर्ग, उच्चवर्ग और कामकाजी, बुर्जुग, भिखारिणी आदि प्रत्येकस्त्री-पात्रों को अपने कथा साहित्य में स्थान दिया है।