कालिदास की कृतियों में वर्णित अस्त्र-शस्त्र

Authors

  • मेजर (डॉ.) बेला मलिक संस्कृत विभाग, सेठ मथुरादास बिनानी, राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय, नाथद्वारा

Keywords:

कालिदास की कृतियों में वर्णित अस्त्र-शस्त्र

Abstract

प्राकृतिक दृश्यों एवं मानवीय चरित्रों के विश्लेषण में सिद्ध हस्तए प्रणय.निवेदनों के मर्मज्ञ शिल्पी कालिदास को जितनी सफलता श्रंगार के विषय.विवेचन में मिली है इतनी युद्ध वर्णनों एवं द्वन्द्व के उत्साहवर्धक अंकनों में नहीं मिली है। कालिदास के युद्ध वर्णन सुन्दर एवं सूक्तिपरक होते हुए भी यथेष्ट रूप से ओजपरक एवं उत्साहवर्धक नहीं बन सके हैं। उनमें श्भवभूतिश् के श्उत्तर रामचरितश् एवं श्नारायण भट्टश् के श्वेणीसंहार जैसे रणोन्माद जागृत करने वाले चित्रणों का अभाव है। श्री एसण् एण् सावनिस के विचार से ऐसा संभवतः कालिदास की वैदर्भी शैली के कारण भी था जो भवभूति एवं नारायण भट्ट की गौड़ी शैली की तरह युद्ध.परक भावों की अभिव्यक्ति में उतनी सक्षम न थी। गौड़ी शैली की कर्कश एवं दीर्घ स्वरों वाली शब्दावली वस्तुतः युद्ध के तुमुलघोष एवं अस्त्र.शस्त्रों के विध्वसंक वातावरण से काफी सामंजस्य भी रखती है। तथापि कालिदास के वर्णनों में उपस्थित विवरण गुप्तकालीन सैन्य.व्यवस्था एवं अस्त्र.शस्त्रों से संबंधित उस सामग्री की पुष्टि करते हैं जिसका निर्देशन तत्कालीन सिक्कोंए भित्ति चित्रोंए मृण्मूर्तियों तथा कला एवं शिल्प में रूपायित मिलता है।

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Published

2016-09-01

How to Cite

मेजर (डॉ.) बेला मलिक. (2016). कालिदास की कृतियों में वर्णित अस्त्र-शस्त्र . Eduzone: International Peer Reviewed/Refereed Multidisciplinary Journal, 5(2), 60–68. Retrieved from https://www.eduzonejournal.com/index.php/eiprmj/article/view/866