कृष्ण भक्ति साहित्य में प्रेम ‘जगन्नाथ वल्लभ नाटक’ के सन्दर्भ में

Authors

  • मेजर (डॉ.) बेला मलिक संस्कृत विभाग, सेठ मथुरादास बिनानी, राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय, नाथद्वारा

Keywords:

कृष्ण भक्ति साहित्य

Abstract

सर्वविदित है कि भगवान श्री कृष्ण न केवल हिन्दी साहित्य में अपितु संस्कृत साहित्य में भी महत्त्पूर्ण स्थान पर प्रतिष्ठित हैं। प्राचीन काव्य परम्परा में महाभारत में श्रीकृष्ण एक महानायक, कुशल योद्धा व कर्मयोगी के रूप में चित्रित हुए हैं। तत्पश्चात् पुराण साहित्य में भी श्रीकृष्ण भक्ति की परम्परा जीवित रही लेकिन अन्य सभी पुराणों की अपेक्षा श्रीमद्भागवत् पुराण की प्रसिद्धि इसमें वर्णित श्रीकृष्ण की प्रेम लीलाओं के कारण, जो भक्तिभाव से परिपूर्ण थी, अधिक हुई। यही कारण है कि अधिकांशतः कवियों ने भी कृष्ण के जीवन चरित को आधार बना कर जिन काव्यों की रचना की वे सभी अन्य पुराणों की अपेक्षा श्रीमद्भागवत् पुराण की कथावस्तु के अधिक निकट हैं।

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Published

2018-05-25

How to Cite

मेजर (डॉ.) बेला मलिक. (2018). कृष्ण भक्ति साहित्य में प्रेम ‘जगन्नाथ वल्लभ नाटक’ के सन्दर्भ में. Eduzone: International Peer Reviewed/Refereed Multidisciplinary Journal, 7(1), 182–184. Retrieved from https://www.eduzonejournal.com/index.php/eiprmj/article/view/868